सीरत तारिक ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा 3D रेज़िन मैप

सीरत तारिक

कला, भूगोल और रचनात्मकता का शानदार संगम पेश करते हुए सीरत तारिक ने एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। उन्होंने बांदीपोरा से गुरेज़ मार्ग का दुनिया का सबसे बड़ा 3D रेज़िन नक्शा तैयार किया है। यह नक्शा न केवल एक कलात्मक कृति है बल्कि अपने वतन के प्रति उनके प्रेम और सम्मान का प्रतीक भी है। इस सफलता की कहानी बताती है कि कैसे सीरत तारिक ने एक स्थानीय विचार को वैश्विक पहचान में बदल दिया और कश्मीर के युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा बन गईं।

नक्शे के पीछे की सोच

सीरत तारिक को बचपन से ही प्राकृतिक दृश्यों और कलात्मक डिज़ाइन में दिलचस्पी थी। बांदीपोरा की खूबसूरत घाटियों और रास्तों को देखकर उनके मन में हमेशा यह इच्छा रहती थी कि वह इस सुंदरता को किसी ठोस रूप में सामने लाएं। यही सोच आगे चलकर 3D रेज़िन नक्शा बनाने की प्रेरणा बनी, जो बांदीपोरा से गुरेज़ तक के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है।

यह विचार जितना रचनात्मक था, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। इसके लिए शोध, सटीकता और कलात्मक कौशल की जरूरत थी। सीरत ने चाहा कि यह नक्शा न केवल सुंदर दिखे बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी सही हो। उन्होंने इलाके के नक्शे, ऊंचाई के चार्ट और तस्वीरों का अध्ययन किया ताकि हर पहाड़ी, नदी और घाटी को बिल्कुल सही तरह से दर्शाया जा सके।

विचार से निर्माण तक

सीरत ने सबसे पहले बांदीपोरा और गुरेज़ की स्थलाकृति से जुड़ा विस्तृत डेटा जुटाया। उन्होंने भौगोलिक नक्शों का अध्ययन किया, कई स्थानों का दौरा किया और ऊंचाई का विश्लेषण किया ताकि नक्शे का आधार मॉडल सटीक हो। इसके बाद उन्होंने रेज़िन मिश्रण और रंग तैयार किए जिनकी मदद से नक्शे की परतें बन सकें।

हर परत को सावधानी से ढालना और सुखाना पड़ता था, जिससे पूरा प्रक्रिया कई हफ्तों तक चली। सीरत ने बहुत बारीकी से हर विवरण पर ध्यान दिया। चाहे वह नदी का बहाव हो या पहाड़ियों की बनावट। जब मॉडल तैयार हुआ, तो उन्होंने सतह को रंग और चमक दी ताकि वह असली घाटियों और पहाड़ों की तरह दिखे। अंतिम नक्शे का आकार लगभग 20 बाय 30 इंच था। इस 3D मॉडल में बांदीपोरा से गुरेज़ तक का पूरा मार्ग बारीकी से उकेरा गया था, जिसमें नदियां, जंगल की रेखाएं और पहाड़ियां वैसी ही दिखाई देती हैं जैसी वास्तविक नक्शे पर होती हैं।

विश्व रिकॉर्ड की उपलब्धि

नक्शा पूरा होने के बाद सीरत तारिक ने इसे मान्यता के लिए भेजा। उनके काम की समीक्षा इंटरनेशनल बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स ने की और इसे बांदीपोरा से गुरेज़ मार्ग का सबसे बड़ा 3D रेज़िन नक्शा घोषित किया। इस घोषणा के बाद उन्हें स्थानीय और ऑनलाइन दोनों जगह खूब सराहना मिली। कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पेजों ने उनकी कहानी साझा की और उनके काम की सटीकता और रचनात्मकता की प्रशंसा की। यह उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता नहीं थी बल्कि बांदीपोरा के लिए गर्व का क्षण बन गई।

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चुनौतियाँ और जज़्बा

यह सफर आसान नहीं था। सीरत तारिक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें महंगे कच्चे माल की लागत, रेज़िन के सही तापमान पर जमने की मुश्किलें और परतों में सटीकता बनाए रखना शामिल था। कभी-कभी उन्हें सीमित जगह और तकनीकी दिक्कतों से भी जूझना पड़ा। लेकिन इन सबके बावजूद उनकी लगन कभी नहीं डगमगाई। वह अपने दूसरे कामों के साथ संतुलन बनाकर रात देर तक काम करती थीं। हर कठिनाई ने उन्हें और धैर्यवान और कुशल बनाया। उनके लिए यह पूरा अनुभव सीखने और आत्मविकास का माध्यम बन गया।

समाज के लिए प्रेरणा

सीरत तारिक की सफलता ने बांदीपोरा में स्थानीय कला और नवाचार के प्रति नई रुचि पैदा की है। उनकी उपलब्धि ने युवाओं को आधुनिक कला के रूपों जैसे रेज़िन क्राफ्टिंग और 3D मॉडलिंग के प्रति प्रेरित किया है। कई स्कूलों और कला समूहों ने उन्हें आमंत्रित किया ताकि वे छात्रों को अपने अनुभव साझा कर सकें। उन्होंने अपने मंच का उपयोग कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए भी किया है। उनका प्रोजेक्ट कला के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता और स्थानीय पर्यटन को भी प्रोत्साहित करता है।

आगे की योजनाएँ

विश्व रिकॉर्ड बनाने के बाद अब सीरत तारिक रेज़िन आर्ट में और बड़े प्रोजेक्ट्स करने की योजना बना रही हैं। वह कश्मीर के अन्य इलाकों के भी 3D नक्शे बनाना चाहती हैं, जिन्हें भूगोल और पर्यावरण विज्ञान के अध्ययन में उपयोग किया जा सके। साथ ही, वह युवा कलाकारों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करना चाहती हैं ताकि उन्हें रेज़िन आर्ट की तकनीकें सिखाई जा सकें।

सीरत तारिक

आने वाले समय में वह एक ऐसा आर्ट स्टूडियो स्थापित करना चाहती हैं जो प्राकृतिक दृश्यों से प्रेरित कलाकृतियों को समर्पित हो। उनका उद्देश्य है कि विज्ञान, शिक्षा और कला को जोड़कर भूगोल को एक दिलचस्प और सुंदर अनुभव बनाया जाए।

निष्कर्ष

सीरत तारिक की कहानी कल्पना, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। बांदीपोरा का दुनिया का सबसे बड़ा 3D रेज़िन नक्शा बनाकर उन्होंने साबित किया कि कला शब्दों से आगे बढ़कर भी कहानियाँ कह सकती है। उनकी यह उपलब्धि सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा और गर्व का प्रतीक है।

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