भारतीय मुसलमानों की बेगुनाही पर सवाल उठाना, संवैधानिक मूल्यों का अपमान है!
बेगुनाही पर सवाल, न्याय का अपमान है न्याय वह रोशनी है जो अंधेरी रातों में सच की राह को रोशन करती है, लेकिन जब राजनीति उस रोशनी पर कब्ज़ा कर ले, तो न्याय भी सवाल बन जाता है! यह वाक्य उन 12 मासूम मुसलमानों की ज़िंदगी पर बिल्कुल सही बैठता है, जिन्हें 2006 के मुंबई…