भारत ने खेलों के क्षेत्र में हमेशा नई ऊँचाइयाँ छुई हैं और अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की छात्रा सबीरा हारिस ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। कज़ाख़स्तान में आयोजित 16वीं एशियन शूटिंग चैम्पियनशिप में सबीरा ने दो स्वर्ण पदक जीतकर न केवल अपने परिवार और विश्वविद्यालय बल्कि पूरे देश को गर्व का अवसर दिया है।
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कठिन शुरुआत लेकिन शानदार अंत
फाइनल मुकाबला सबीरा के लिए आसान नहीं था। शुरुआती राउंड में वह 105 अंकों के साथ छठे स्थान पर थीं। स्थिति चुनौतीपूर्ण थी और दर्शकों को लग रहा था कि उनके लिए पदक जीतना मुश्किल होगा। लेकिन सबीरा ने हार मानने के बजाय आत्मविश्वास और धैर्य के साथ खेल जारी रखा। हर राउंड में उन्होंने अंकतालिका में सुधार किया और धीरे-धीरे शीर्ष पर पहुँच गईं। आखिर में उन्होंने सबसे मज़बूत प्रतिद्वंद्वी अद्द्या कटियाल को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया।
व्यक्तिगत और टीम इवेंट दोनों में चमक
सबीरा ने केवल व्यक्तिगत इवेंट में ही नहीं, बल्कि टीम इवेंट में भी अपनी उत्कृष्टता साबित की। इस तरह उन्होंने दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। यह उपलब्धि उन्हें युवा खिलाड़ियों के बीच अलग पहचान देती है और आने वाले समय में भारतीय शूटिंग टीम के लिए उनका योगदान और भी अहम माना जा रहा है।
एएमयू परिवार का गर्व
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पूरा परिवार सबीरा की सफलता से उत्साहित है। कुलपति प्रो. नाइमा खातून ने कहा कि यह क्षण विश्वविद्यालय और पूरे देश के लिए गौरवशाली है। यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के सचिव प्रो. एस. अमजद अली रिज़वी ने भी सबीरा की मेहनत और लगन की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय युवा किसी भी स्तर पर जीत हासिल कर सकते हैं, अगर उनमें जुनून और निरंतरता हो।
सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं की बौछार
सबीरा की जीत की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। लोग उन्हें देश की प्रेरणा बता रहे हैं। किसी ने लिखा, “माशाअल्लाह, अल्लाह आपको नज़र-ए-बद से बचाए।” तो किसी ने कहा, “आप आने वाली पीढ़ियों की रोल मॉडल हैं।” इस तरह की प्रतिक्रियाएँ यह दिखाती हैं कि उनकी सफलता केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक ऊर्जा फैला रही है।
सबीरा की सफलता का महत्व
सबीरा की यह जीत महज़ दो पदक जीतने तक सीमित नहीं है। यह मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास की ताकत को दिखाती है। वह आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल हैं, जो यह साबित करती हैं कि सही दिशा में काम करने से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
भारतीय शूटिंग खेल का बढ़ता प्रभाव
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने शूटिंग खेल में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। ओलंपिक, एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय निशानेबाजों ने देश का परचम लहराया है। सबीरा जैसी नई प्रतिभाएँ इस खेल की जड़ें और मजबूत कर रही हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत आने वाले वर्षों में शूटिंग के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी ताकतों में से एक बन सकता है।
आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
सबीरा हारिस की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। उनकी मेहनत यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद और आत्मविश्वास सबसे बड़ा सहारा बन सकते हैं।
निष्कर्ष
सबीरा हारिस ने अलीगढ़ से लेकर पूरे देश तक गर्व का माहौल बना दिया है। उनकी दोहरी जीत न केवल भारतीय शूटिंग खेल की ताकत को दर्शाती है बल्कि यह भी बताती है कि मेहनत और विश्वास से कोई भी मंज़िल हासिल की जा सकती है। आने वाले समय में उनसे और भी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है।
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